उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक पेड़ है जिसके बारे में यही कहा जाता है कि ये पारिजात का पेड़ है। और ये माना जाता है कि ये पेड़ सीधा स्वर्ग से आया है। और ये भी कहा जाता है कि इसको छूने से ही शारीर की सारी थकान दूर हो जाती है। इसकी कहानी में कितनी सच्चाई है यह बात तो कोई नहीं जानता लेकिन इसको लेकर कई सारी कहानियां यहां के लोग बताते हैं।
यह पारिजात पेड़ पूरी दुनिया में अपने आप में एक बिलकुल अलग ही पेड़ है और इसकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इस पारिजात पेड़ की कलम नहीं लगती है। पारिजात पेड़ पर जून के आस-पास बहुत ही खूबसूरत सफ़ेद रंग के फूल खिलते हैं।
लेकिन इस पारिजात पेड़ के फूल सिर्फ रात को ही खिलते हैं और सुबह होते ही यह मुरझा जाते हैं। पारिजात के इन फूलों का लक्ष्मी पूजन में विशेष महत्तव है।
लेकिन आपको यह बात भी बता दें कि लक्ष्मी की पूजा में पारिजात के जिन फूलों को चढ़ाया जाता हैं वे फूल कभी भी वह नहीं होते है जो पेड पर लगे हुए होते है बल्कि यह तो वह फूल होते हैं जो की अपने आप ही ज़मीन पर टूट कर गिर जाते हैं।
आखिर कैसे हुआ पृथ्वी पर इसका निर्माण ?
यही माना जाता है कि जब एक बार देवऋषि नारद स्वर्ग से धरती पर श्री कृष्ण से मिलने आए थे तो फिर वह अपने साथ पारिजात के सुन्दर फूल ले कर आये थे। और उन्होंने वो फूल श्री कृष्ण को भेट में दिए थे।
और श्री कृष्ण ने वो फूल अपने साथ में बैठी हुई अपनी पत्नी रुक्मणि को दे दिए। लेकिन जब श्री कृष्ण की दूसरी पत्नी सत्य भामा को इस का पता चला कि स्वर्ग से आए पारिजात के सारे फूल श्री कृष्ण ने रुक्मणि को दे दिए है तो फिर उन्हें बहुत ज्यादा गुस्सा आया और उन्होंने श्री कृष्ण के सामने ज़िद पकड़ ली कि उन्हें भी अपनी वाटिका के लिए पारिजात पेड़ चाहिए।
क्या हैं पारिजात वृक्ष के औषधीय गुण ?
पारिजात पेड़ को आयुर्वेद में हरसिंगार पेड़ के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूल, पत्ते और छाल का इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। और इसके पत्तों को सबसे अच्छा उपयोग गृध्रसी (सायटिका) रोग को दूर करने में भी किया जाता है। और इसके फूल दिल के लिए भी काफी उत्तम औषधी माने जाते हैं।
साल में बस एक महीने ही पारिजात पर फूल खिलते हैं पारिजात फूल आने पर अगर इन फूलों का या फिर फूलों के रस का उपयोग किया जाए तो हृदय रोग से बचा जा सकता है। और इतना ही नहीं पारिजात की पत्तियों को पीस कर शहद में मिलाकर खाने से सूखी खाँसी भी ठीक हो जाती है।
इसी तरह से पारिजात की पत्तियों को पीसकर स्किन पर लगाने से स्किन संबंधी सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
पारिजात की पत्तियों से बने हुए हर्बल तेल का भी त्वचा रोगों में भरपूर प्रयोग किया जाता है। पारिजात की कोंपल को अगर पाँच काली मिर्च के साथ मिलाकर महिलाएँ सेवन करें तो फिर महिलाओं को स्त्री रोग में बहुत लाभ मिलता है।