21वीं सदी में ‘स्वर्णिम भारत’ बनाने का लक्ष्य होगा साकार

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Budget 2022: आधारभूत संरचना के विकास से क्षेत्रीय विषमताएं खत्म करने का लक्ष्य इस आम बजट में दिखता है। आत्मनिर्भर भारत को नई गति देने के लिए रक्षा क्षेत्र में होने वाले खरीद का 68 प्रतिशत सैन्य उपकरण, गोला बारूद, हथियार आदि घरेलू कंपनियों से खरीदा जाएगा। इन सबसे देश में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और आत्मनिर्भर भारत को नई मजबूती मिलेगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी 25 साल बाद होने वाले परिवर्तनों को ध्यान में रखकर ‘भविष्य का बजट’ पेश किया है, ताकि वैश्विक विकास की दौड़ में भारत अग्रणी पंक्ति में बना रहे। जैसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पूरी दुनिया बदल गई थी, वैसे ही वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दुनिया में एक नया ‘वल्र्ड आर्डर’ बनने की संभावना है। युद्ध के बाद अस्तित्व की जद्दोजहद और विकास करने की लालसा के चलते हर क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया था। कोरोना काल के बाद होने वाले बदलावों को ध्यान में रखकर नए भारत की तैयारियों, नए अवसरों एवं नई संकल्प सिद्धियों को लेकर आम बजट बनाया गया है। आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं से स्वर्णिम भारत के निर्माण की ओर मजबूती से कदम बढ़ा दिया है। विकास की गति को बनाए रखने के लिए उद्यमियों और उद्योगों को इंसेंटिव, डिजिटल करेंसी जैसी योजनाओं को धरातल पर उतारने के साथ जनकल्याण की योजनाओं पर भी गंभीरता से ध्यान दिया गया है।

स्वर्णिम भारत बनाने के उद्देश्य से हर भारतीयों के पास पक्का घर, घर में नल से जल, शौचालय, बिजली, खाना बनाने के लिए गैस की सुविधा, इंटरनेट आदि उपलब्ध कराने के लिए आम बजट पूरी तरह से प्रतिबद्ध नजर आया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 48,000 करोड़ रुपए खर्च कर 80 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है।

वहीं जल मिशन के तहत 60 हजार करोड़ रुपए खर्च कर 3.8 करोड़ घरों में स्वच्छ जल पहुंचाने की योजना है। गरीबों को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए गांवों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का कार्य तेजी से होगा।

गांवों को विकसित बनाने के लिए गरीब, किसान एवं किसानी पर भी आम बजट में प्रावधान हैं। गंगा किनारे जैविक खेती को प्रोत्साहन देकर किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाना है , जो शुरू में 5 किलोमीटर के दायरे में शुरू होगा। इससे नदियों स्वच्छ होंगी, पर्यावरण का संरक्षण होगा और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। यह आम बजट एक मायने में ग्रीन बजट भी है।

आम बजट किसानों के लिए समर्पित है। इसके लिए नीतियों एवं योजनाओं को प्रस्तुत किया गया है। 44 हजार करोड़ रुपए की लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना का क्रियान्वयन होगा। इससे उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के खेतों में हरियाली लाने, पेयजल की उपलब्धता बढ़ाने के साथ रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

उपेक्षित सीमावर्ती गांवों में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत लोगों का जीवन सुगम बनाने और विकास की मुख्यधारा से जोडऩे पर भी ध्यान दिया गया है। पर्वतमाला परियोजना के तहत 8 रोपवे का निर्माण कर हिमालय क्षेत्रों में आधुनिक कनेक्टिविटी और आधारभूत संरचना का विस्तार करना भी बजट में शामिल है।

आधारभूत संरचना के विकास से क्षेत्रीय विषमताएं भी खत्म करने का लक्ष्य आम बजट में दिखता है। आत्मनिर्भर भारत को नई गति देने के लिए रक्षा क्षेत्र में होने वाले खरीद का 68 प्रतिशत सैन्य उपकरण, गोला बारूद, हथियार आदि घरेलू कंपनियों से खरीदा जाएगा। इन सबसे देश में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और आत्मनिर्भर भारत को नई मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से लेकर वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसी अनेक महत्त्वपूर्ण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। आम बजट में प्रत्यक्ष टैक्स में बदलाव नहीं किया गया है। दूसरी ओर, स्टार्टअप को इंसेंटिव और कारोबार एवं उद्योगों को कैपिटल लिंक्ड इंसेंटिव और टैक्स राहत आदि देकर विकास को नए क्षितिज पर ले जाएगा। इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। बजट प्रावधान निश्चित रूप से देश के विकास की गति तेज करेंगे।