फादर मून लाजरस का कहना है कि वैसे तो देश भर में समाज के कब्रिस्तान मौजूद हैं, लेकिन शहर चाहें बड़ा हो या छोटा हर जगह जमीन की कमी हो गई है। इसी को देखते हुए कब्रिस्तान में कोटा किया जा रहा है
आगरा: कंक्रीट के जंगलों के बीच रहते इंसानों को अब अपनी मौत के बाद भी सुकून पाने के लिए कब्र भी नसीब नहीं हो रही है। यही वजह है कि लोग अब जिंदा रहते ही अपनी कब्र के लिए एडवांस जमीन की बुकिंग कर रहे है।
जी हां, यह हकीकत है आगरा की। जहां घोषणा कर दी गई है कि ईसाई परिवारों को अब कब्रिस्तान में केवल एक ही प्लॉट मिलेगा जिसके लिए उन्हें पहले से ही रजिस्ट्रेशन करके जमीन बुक करानी पड़ेगी
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि कब्र का साइज भी छह बाई चार फीट का तय कर दिया गया है। बुकिंग कराने वाला व्यक्ति कब्रिस्तान में इसके अलावा और किसी अन्य स्थान का उपयोग नहीं कर सकता ।
मीडिया में छपी खबरों की मानें तो आगरा स्थित सेंट मैरी चर्च के कैथोलिक पादरी फादर मून लाजरस ने चर्च में इसकी आधिकारिक घोषणा की है। जरूरत की जमीन न मिल पाने पर यह निर्णय लिया गया और यह पहल देश भर के कैथोलिक समुदाय पर लागू कर दिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक आगरा महाधर्म प्रांत के मीडिया प्रभारी फादर मून लाजरस का कहना है कि वैसे तो देश भर में समाज के कब्रिस्तान मौजूद हैं, लेकिन शहर चाहें बड़ा हो या छोटा हर जगह जमीन की कमी हो गई है। इसी को देखते हुए अब कब्रिस्तान में कोटा तय कर दिया गया है।
इसी कोटे के मुताबिक परिवार चाहे छोटा हो या बड़ा प्रत्येक परिवार को छह बाई चार का एक ही प्लॉट मिलेगा। इतना ही नहीं इस प्लॉट को लेकर किसी भी परिवार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसके लिए परिवारों का नाम कब्रिस्तान के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।
कम होती जमीन की समस्या को देखते हुए सबसे पहले मुंबई में इसकी शुरुआत की गई है। लोगों को इस पहल से जोड़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है। हर रविवार को चर्च में प्रार्थना के बाद लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जाती है।