उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज से एक साल पहले दो ही पार्टियां छाई हुई थीं। एक थी समाजवादी पार्टी और दूसरी बहुजन समाज पार्टी यानि बसपा। दलित राजनीति करने वाले कांशीराम ने बसपा की स्थापना की थी और अपनी सबसे प्रिय शिष्या मायावती को अपने बाद इसका उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। मायावती चार बार यूपी की सीएम रहीं लेकिन उन्होंने कभी शादी नहीं की। आखिर इसकी क्या वजह थी, आइए जानें।
आईएएस की तैयारी कर रही मायावती को लेकर आये थे कांशीराम
आपको शायद पता नहीं होगा लेकिन मायावती जो बहनजी के नाम से भी जानी जाती हैं। वो एक जमाने में सिविल सेवा में जाना चाहती थीं और डीएम बनना उनका ख्वाब था। हालांकि कांशीराम की परखी नजरें उनको पहचान चुकी थीं और वो एक भाषण के बाद मायावती को अपने साथ राजनीति में उतार लाये थे और उनको बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी थी।
1984 में बसपा में मिला था अहम पद
कांशीराम ने जब 1984 में यूपी के दलितों को एक करने के लिए बसपा बनाई तो उसमें अपनी शिष्या मायावती को सबसे मजबूत स्थान दिया। उन्होंने साल 2001 में जब मायावती को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया तब वो बीमार हो चले थे। वहीं से मायावती ने बसपा में अपना ऐसा प्रभाव जमाया कि बहुजन समाज पार्टी में कोई दूसरा नेता उबर ही नहीं सका।
कांशीराम के साथ संबंधों को लेकर हुई थी खूब बातें
मायावती के लिए राजनीति की राह इतनी आसान नहीं थी। कांशीराम का उनके प्रति लगाव हमेशा से ही लोगों और राजनीति के गलियारों में गपशप का विषय रहा है। विरोधियों ने तो हमेशा ही कांशीराम और मायावती के बीच नाजायाज संबंध होने का आरोप तक लगाया था। हालांकि इस बारे में दोनों ही नेताओं ने कभी कोई सफाई देने की जरूरत नहीं समझी थी।
टीवी में खुद बताई थी वजह
अब आपको बतातें हैं वो वजह जिसको हर कोई जानना चाहता है। मायावती ने इतना कद्दावर होने के बाद भी कभी शादी क्यों नहीं की। इस सवाल का जवाब उन्होंने खुद एक टीवी इंटरव्यू में दिया था। आज के कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला कभी पत्रकार थे। उन्होंने टीवी के लिए मायावती का इंटरव्यू लिया था और उनसे पूछा था कि वो जीवन भर कुंआरी क्यों रहीं।
आखिर क्यों नहीं की जीवन भर शादी
मायावती ने इंटरव्यू में उस वजह का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि मैं दलितों के उत्थान के लिए काम करना चाहती थी। अगर मैं शादी कर लेती तो घर-गृहस्थी में इतनी उलझकर रह जाती कि मेरा जो लक्ष्य है दलितों की दशा को सुधारने का, वो कभी भी पूरा नहीं हो सकता था। दूसरा उनका कहना था कि वो शादी को जरूरी मानती ही नहीं हैं। इसी वजह से उन्होंने कभी शादी नहीं की।
सत्ता के गलियारों में हमेशा होती रही कुछ और ही चर्चा
मायावती ने इंटरव्यू में जो बयान दिया था उससे लोगों ने कभी इत्तेफाक नहीं रखा। राजनीति में हमेशा ही चर्चा रही कि मायावती दिल ही दिल में कांशीराम की न सिर्फ इज्जत करती थीं बल्कि उनकी ही वजह से उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का फैसला लिया था।