दुनिया अजीबोगरीब चीजों से भरी पड़ी है। पृथ्वी के 80 फ़ीसदी हिस्से पर कौन से प्राणी राज करते हैं, इसके संदर्भ में पर्याप्त मात्रा में जानकारी उपलब्ध नहीं है। जब-जब किसी नए प्राणी की खोज होती है तो उसके बारे में जानकर हम हैरान रह जाते हैं। आज हम ऐसे ही अद्भुत जीवो के बारे में बताएंगे जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
मेक्सिकन वॉकिंग फिश
30 सेंटीमीटर तक बढ़ने वाली यह मछली 10 से 15 साल तक जिंदा रहती है। अपने चार पैरों की मदद से यह मछली सतह पर आसानी से चल सकती है। इस मछली की एक और खासियत यह है कि यह अपने खराब हो चुके हैं शरीर के अंगों को पुनः विकसित कर सकती है।
यह मछली विषैली होती है, लेकिन फिर भी इंसान इसे पालते हैं। यह मछली अपने जैसे ही मछलियां और उनके अंडों को खाती है। यह मछली पिंक, ब्राउन, ग्रे, रेंबो सिल्वर कलर की होती हैं।
स्टार नोस्ड मोल
22 सेंटीमीटर तक बढ़ने वाला यह जीव छछूंदर की एक अलग प्रजाति है। इस तस्वीर को देखकर आपको अंदाजा लग ही गया होगा कि यह प्राणी कितना विचित्र है। स्टार जैसी नाक होने की वजह से इसका नाम “स्टार नोस्ड मोल” पड़ा है। यह प्राणी अंधा होता है। कुदरत ने इसकी यह कमी इसकी नाक पर 22 टेंटेकल्स देकर पूरी कर दी है, जिससे यह अपना शिकार आसानी से ढूंढ पाए।
इन टेंटेकल्स पर 25 हजार सेंसर मौजूद होते हैं जो इसे इसका जीवन यापन करने में सहायता करते हैं। स्टार नोस्ड मोल बहुत ही अच्छे तैराक होते हैं। यह छोटे जीव जैसे मछली, कीड़े मकोड़े और कीट-पतंगे आदि का शिकार करते हैं।
ब्लॉब फिश
इस मछली को आज तक का सबसे बदसूरत प्राणी होने का खिताब हासिल है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के समुंदर की गहराई में पाई जाने वाली यह मछली समुंदर में आमतौर पर 3,000 फीट की गहराई तक पाई जाती है। इसके शरीर का अच्छा ढांचा और अत्यधिक मांस की वजह से यह समुंदर के गहरे पानी का अत्यधिक प्रेशर झेलने में सक्षम है।
इस मछली के शरीर में बहुत ही कम हड्डियां होती हैं। गहरे पानी में बचे रहने के लिए बनी इस मछली को जब पानी के बाहर निकाला जाता है तो यह पिघलने लगती है। 12 इंच तक बढ़ने वाली यह मछली अपने भारी वजन की वजह से तेजी से हिल-डुल नहीं सकती है इसलिए इसे आसानी से शिकार नहीं मिलता है।
जरबोआ
यह आमतौर पर सहारा और रेगिस्तान में पाया जाता है। चूहे की तरह दिखने वाला यह प्राणी दो पैरों वाला होता है। यह प्राणी कंगारू की तरह अपने दो पैरों पर खड़ा रहता है। 5 से 15 सेंटीमीटर लंबा यह प्राणी 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है।
इसकी सूंघने और सुनने की शक्ति कमाल की होती है। यह प्राणी छोटे-छोटे कीट और इस तरह के पौधे खाता है, जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो क्योंकि यह जानवर अपनी पूरी जिंदगी में पानी नहीं पीता।
तारसिअर
यह एशिया के पूर्वी और पश्चिमी भाग में पाया जाता है। यह प्राणी एक गिलहरी के आकार का होता है। यह प्राणी भूरे रंग का होता है और इसकी आंखें और कान बहुत बड़े होते हैं। इसके पूछ और पैर लंबे होते हैं।आमतौर पर कीड़े-मकोड़े खाने वाला यह प्राणी सांप, पक्षी और चमगादड़ों को भी खा जाता है।
6.5 इंच का यह जानवर पेड़ की एक टहनी से दूसरी टहनी पर कूदने में सक्षम है। इस प्राणी की इंसानों जैसी दिखने वाली उंगलियां इसे एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूदने में मदद करती है।
Leave a Reply